Sandeep Sharma

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डीयर डायरी [मेरी दोस्त पंजाबन]

25/05/22,

ज्येष्ठ मास, 
दिन बुधवार, 
संध्याकाल,
सखी राम राम ,
जय श्रीकृष्ण 
आज बताऊ सखी मन खिन्न सा है,,
जाने क्यू लिखने विखने का भी मन न हुआ,
प्रश्न  पूछा था लिपी ने कौन सा कार्टून  बचपन  मे पंसद है। व क्या अब भी है व देखते हो ।तो अपुण  ने जवाब  दिया टाॅम n जैरी। 
कहानी का विषय  था,
भूल गया 
ठहरो देख कर आता हू।
हां तो देख  आया।वो था" देर रात।"
इस पर दो रचनाए  लिखी दोनो को सराहना मिली।पर उतनी नही जितनी रोज मिलती है।कमी लगी होगी शायद।खैर स्वाध्याय  का दूसरा भाग  भी आज प्रकाशित  कर दिया पांच दिन बाद  का फार्मूला  लागू है।
इधर लेखनी पर भी यही रचनाए  प्रकाशित  की अभी लेखनी थोडी क्लिष्ट सी है उतनी दोस्तना
 न है जितनी प्रतिलिपि  पर इसकी पहुंच  विशाल है।शायद यह भी एक प्लस  प्वाइंट है।पर जब इसे समझ जाऊंगा न तब यह आसन  लगेगी।खैर।
 "आधुनिक नारी का पति  प्रेम"  पर लिखी कविता धीरे धीरे  किन्तु  परन्तु के साथ स्वीकार्य  रही ।अब यह समझ नही आता कि पति करे तो क्या करे।क्यू पत्निया पति को हर जगह नीचा दिखाने या शिकायत  करने का मुद्दा मान कर चलती है।उपर से कहती है ,भाई हम खुद  चल कर नही आए ,आप ही पो पो  बजाते हुए लेने गए  थे।यदि व्यंग्य  तक रहे तो ठीक है पर यदि यह जीवन को व्यंग्य  बना दे तो समझ ही सकते हो कि क्या हश्र होता है व हो रहा है।शादी जैसी संस्थान कचहरी या फोन की रील मे दम तोड़ती नजर आ रही है ।खैर क्या कहे आधुनिक  समाज की आधुनिक  बाते हम क्या कह सकते है।
पुरुष  होना सच मे जुर्म हो गया है ।जाने कैसे अब हालात  और विचलित  करेगे।खैर सब चलता है ।कहते है न आजकल यह सब नही चलता ।तो सच मे यह सब आजकल  नही ही चलता।करिप्टो करेंसी का चलन हो गया है डिजीटलाईजेश्न मे इतना सब तो होना ही है।खैर हमे क्या हम तो समाज को देख कर कह रहे  है ।सबके घर मे न सही लडके अन्य रिश्तो मे तो होगे।है कि नही उनकी वो ही जाने चलो सखी बैठै बैठे टाइम  खराब  करने का लाभ  कोई  नही।
चलते है तुम  अपने काम  निपटाओ, मै कुछ  और देखता हू।तो फिर  कल मिलते है प्रसन्न मन के साथ। तबतक।
जय श्रीकृष्ण ।जयश्रीकृष्ण। जयश्रीकृष्ण 
तुम्हारा  मित्र। 
संदीप शर्मा,।
देहरादून ।


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10 Comments

shweta soni

23-Jul-2022 11:15 AM

Nice 👍

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Sandeep Sharma

28-Jul-2022 05:15 PM

Thanks g.aapka aabhaar. Jai shree Krishna g

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Shnaya

28-May-2022 04:58 PM

बेहतरीन

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Sandeep Sharma

28-Jul-2022 05:16 PM

धन्यवाद आदरणीय जयश्रीकृष्ण

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Pallavi

26-May-2022 09:34 PM

Well ✍️

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Sandeep Sharma

28-Jul-2022 05:16 PM

Thanks g.जयश्रीकृष्ण

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